अरावली में नेता, अधिकारी और भू-माफिया के 90 अवैध फार्म हाउसों पर चलना था बुल्डोजर लेकिन सिर्फ 6 ही टूटे


फरीदाबाद. अरावली क्षेत्र के अनखीर और मेवला महाराजपुर गांव में राजनेताओं, अधिकारियों और भूमाफियाओं द्वारा अवैध रूप से बनाए गए 90 फार्म हाउसों पर गुरुवार को बुल्डोजर चलना था लेकिन आधी अधूरी तैयारी के साथ पहुंचे वन विभाग के अधिकारियों की वजह से केवल छह फार्म हाउस ही तोड़े जा सके।


इसमें भी अधिकारियों ने पिक एंड चूज की नीति अपनाई। तोड़फोड़ को लेकर एक फार्म हाउस के मालिक से ड्यूटी मजिस्ट्रेट प्रशांत अटकान से हाथापाई शुरू कर दी। अनखीर में राधा स्वामी के सत्संग हाल की दीवार को तोड़ने के दौरान सेवादारों और ड्यूटी मजिस्ट्रेट के बीच जमकर कहासुनी हुई। 



कार्रवाई की जैसे ही भनक लगी थोड़ी ही देर में बड़ी संख्या में फार्म हाउस मालिक मौके पर पहुंच गए। किसी ने दादा लाई जमीन बताकर फार्म हाउस को तोड़ने से रोक दिया तो किसी ने कोर्ट का स्टे दिखाकर। हैरानी की बात यह है कि वन विभाग के पास ऐसा कोई रिकार्ड नहीं था जिससे यह पता चल सके कि किस खसरा नंबर की जमीन पर स्टे है और किस पर नहीं।


नगर निगम और वन विभाग का पिक एंड चूज का यह ड्रामा सुबह 12 बजे से शुरू होकर तीन बजे तक चलता रहा। इसके बाद दोनों विभाग के अधिकारी वापस चले गए।
 


दो किलोमीटर अंदर तक बना रखा है फार्म हाउस
अनखीर में सूरजकुंड रोड से करीब दो किलोमीटर अंदर तक भूमाफियाओं ने वन विभाग की जमीन कब्जा कर फार्म हाउस बना लिए हैं। इन फार्म हाउसों को शादी विवाह कार्यक्रमों के लिए बुक कर भूमाफिया मोटी कमाई कर रहे हैं। अरावली जंगल के बीच में फार्म हाउस बने होने से पुलिस की आवाजाही कम ही होती है।


सेवादार बोले दम है तो पूर्व मंत्री का फार्म हाउस तोड़ो
टीम ने राधास्वामी सत्संग की बाउंड्रीवाल और मेन गेट को तोड़ दिया। तभी वहां सेवादार जमा हो गए। सेवादार हंसराज व रिसाल सिंह ने कहा कि फार्म हाउस 15 साल पुराना है। यहां कोई कमर्शियल गतिविधियां नहीं होतीं। बल्कि सत्संग होता है। उन्होंने कहा कि ठीक बगल में सत्ताधारी पार्टी के पूर्व मंत्री का फार्म हाउस तोड़कर दिखाओ। सेवादारों ने वन विभाग पर कोई नोटिस तक न देने का आरोप लगाया।
 


इस तरह किया गया वन विभाग की जमीन पर खेल
ड्यूटी मजिस्ट्रेट एवं निगम जॉइंट कमिश्नर प्रशांत अटकान के अनुसार भूमाफियाओं ने गांव की जमीन के खसरा नंबर पर रजिस्ट्री कराई है और उसी रजिस्ट्री के आधार पर जंगल की जमीन पर कब्जा कर फार्म हाउस बना लिए। 


फार्महाउस मालिक और ड्यूटी मजिस्ट्रेट से भी हाथापाई
अनखीर पहुंची टीम ने एरोजेट एविएशन नामक फार्म हाउस को तोड़ना शुरू किया तो फार्म हाउस मालिक राहुल गोयल ने अपने वकील के साथ विरोध करना शुरू कर दिया। उनका कहना था कि फार्म हाउस को कोर्ट से स्टे मिला हुआ है। यह फार्म हाउस करीब 20 साल पुराना है। मामला कोर्ट में विचाराधीन है। इसी बात को लेकर ड्यूटी मजिस्ट्रेट और निगम के जॉइंट कमिश्नर प्रशांत अटकान से हाथापाई शुरू कर दी। इस संबंध में जॉइंट कमिश्नर ने अनखीर पुलिस चौक में शिकायत भी दी है। पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। 


वन विभाग और निगम के अफसर करते हैं खेल
अरावली के जंगल में फार्म हाउस बनाने वाले लोग वन विभाग और निगम अधिकारियों की मिलीभगत से खेल करते हैं। इसका नजारा गुरुवार को हुई तोड़फोड़ की कार्रवाई के दौरान देखने को मिला। भूमाफिया अधिकारियों के कान में मंत्र मारकर अपने फार्म हाउस से हटाकर दूसरे के पास भेजते नजर आए।


टीम ने 3 बजे तक महज 6 फार्म हाउसों को ही तोड़ा। वन विभाग के अधिकारी आधी अधूरी तैयारी के साथ कार्रवाई करने पहुंचे थे। इनके पास कोई ऐसा रिकाॅर्ड नहीं था जिससे यह पता चल सके कि किस पर स्टे है और किस पर नहीं। 
 


अब नई तारीख मिलने पर की जाएगी तोड़फोड़
तोड़फोड़ का नेतृत्व कर रहे वन दरोगा किरण सिंह रावत ने बताया कि बाकी बचे फार्म हाउसों को नई डेट मिलने पर तोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि इस बारे में डीसी यशपाल यादव को रिपोर्ट सौंपी जाएगी। उनकी तरफ से जो डेट फिक्स होगी, उसके आधार पर तोड़फोड़ की कार्रवाई की जाएगी।