शराब की अवैध बिक्री पर 6 माह तक जमानत नहीं; प्रदेश के नए कानून को मिली राज्यपाल से मंजूरी


चंडीगढ़. हरियाणा के ग्रामीण इलाकों में शराबबंदी को लेकर आए आवेदनों की जांच पूरी हो गई है। जांच में सामने आया कि केवल 430 गांवों में ही शराब बंद की जाएगी। विभाग ने जिन 899 गांवों से आवेदन आए थे, सबकी पर्सनल हियरिंग की है। इसमें 469 आवेदनों को रद्द कर दिया गया है। सबसे अधिक आवेदन 69 जींद जिला से रद्द किए गए हैं, जबकि भिवानी में सबसे अधिक 85 गांवों में शराब ठेके बंद करने को मंजूरी मिली है। 1 अप्रैल से प्रदेश के 430 गांवों में शराब की बिक्री नहीं होगी। यही गांव आबकारी एवं कराधान विभाग के पैमाने पर खरे उतरे हैं। दूसरी ओर प्रदेश में शराब की अवैध बिक्री करने वालों पर अब तेजी से शिकंजा कसा जाएगा। पिछले दिनों सरकार ने जो कानून बनाया था, उसे राज्यपाल ने मंजूरी दी है। शराब का अवैध कारोबार करने वालों को अब छह माह तक जमानत नहीं मिल सकेगी। 



अवैध शराब की बिक्री पर नया कानून 
हरियाणा में यदि कोई व्यक्ति शराब की अवैध तरीके से बिक्री करने पर 6 माह तक जमानत नहीं हो सकेगी। इससे पहले यह कानून पंजाब व राजस्थान में भी है। हरियाणा में यह कानून लागू हो गया है। राज्यपाल ने नए कानून को मंजूरी दी है। इससे सबसे अधिक लाभ शराब ठेके के संचालकों को होगा, जिस सोर्स से यह शराब आई है, उसके खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
 


पिछली बार 100 शराब ठेके हुए थे बंद
पिछले साल शराब ठेकों को बंद करने के लिए प्रदेशभर से ग्राम पंचायतों ने आवेदन किए थे, लेकिन जांच में इनमें से करीब 100 शराब ठेके ऐसे चुने गए थे, जिन्हें बंद किया गया। अबकी बार यह आंकड़ा 430 तक पहुंचा है, यानी इसमें करीब 330 की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने प्रदेश के गांवों में शराब बंद करने को लेकर विधानसभा में ऐलान किया था।